कारन ये था की उस तशविर में सेना आतंकियों को मारने के बाद उन्हें रस्सी से बांध कर घसीटते हुए ले जा रही थी। जैसे ही ये तशविर कांग्रेस(congress), मानवाधिकार संगठन(Human right commission) और कुछ देश विरोधी टीवी चैनलो के पास पहुँचा, तो मानो वो विधवा हो गई हो उस प्रकार से सभी अपनी-अपनी छाती पीटने लगी, मानव अधिकार संगठन ने चिलाना शुरू कर दिया की भारतीय सेना (Indian army) कश्मीर मे मानव अधिकार का उलंघन कर रही है और कांग्रेस ने अपना दर्द इन्डाइरेक्ट तरीके से बयाँ करते हुए कहा की आतंकियों को ऐसे घसीटने पर उनके परिवार वालो को दर्द होता है। मतलब आप खुद देख लीजिए की इनकी सहानुभूति किसके साथ है जो देश मे आतंक,अस्थिरता, इस्लामीकरण फैलाना चाहते हैं उनके साथ या फिर जो देश की सुरक्षा अपनी जान पर खेल कर करते हैं उनके साथ?
ऐसा पहली बार नही की मानवअधिकार संगठन (Human right commission) ने सेना के किसी काम पे सवाल उठाये हो, इससे पहले भी जब एक पथ्थर बाज को सेना ने गाड़ी के आगे बांध दिया था तो उस टाइम भी इन्होंने मानव अधिकार के नाम पे बहुत होहल्ला देश में मचाया था। सिर्फ यही नही JNU मे भी कुछ ऐसे छात्र संगठन हैं जो हमेशा देश विरोधी आवाजे या फिर नारा लगाते रहते हैं, उन्ही छात्र-संगठनो मे से एक छात्र है कन्हैया कुमार जो की देश विरोधी नारे लगाते तथा आतंकी का समर्थन करते हुए पकड़ा गया था और मौका मिलते ही आज भी कन्हैया कुमार और इसके संगठन वाले सेना का अपमान करने से नही चूकते है। आपको बाता दे की कन्हैया कुमार भारतीय सेना (Indian army) को रेपिस्ट भी बोल चुका है।
आपको जानकर ये हैरानी नही होनी चाहिए की, कांग्रेस (congress) कन्हैया कुमार को चुनाव लड़ने के लिए अगले साल टिकट देने का प्लान बना रही है। आपको बता दे की कन्हैया कुमार और उसके कुछ खास दोस्तो पे देश विरोधी नारे लगाने के आरोप मे उनपर केस चल रहा है।
कुल मिलाकर बात ये है की कांग्रेस भारत के जनता के साथ डबल स्टैंडर्ड्स वाली पॉलिटिक्स खेल रही है क्यों की दिल्ली मे तो कांग्रेस (Congress) लोगो के हक की बात करति हैं लेकिन जब बात देश द्रोहियों या आतंकियों की आती है तो वो अक्सर आतंकियों और देश द्रोहियों का पक्ष ले लेते हैं।
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